लखनऊ (वेबवार्ता/अजय कुमार वर्मा) लखनऊ । 28 जनवरी, सोमवार
ऑल इंडिया उलमा व मशाईख बोर्ड द्वारा लखनऊ के इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में एक कार्यक्रम 'सामाजिक न्याय सम्मेलन' का आयोजन किया गया. जिसमें पूरे देश से बोर्ड के पदाधिकारियों, मुस्लिम बुद्धिजीवियों एवं उलमा ने भाग लिया. इस सम्मेलन में देश की सभी बड़ी दरगाहों के सज्जादानशीन एवं प्रतिनिधि शामिल रहे। इस सम्मेलन में बतौर मुख्य अतिथि प्रसपा प्रमुख शिवपाल सिंह यादव उपस्थित रहे।
इस अवसर पर सभा को संबोधित करते हुए प्रसपा प्रमुख शिवपाल यादव ने कहा इस समय देश विषम परिस्थितियों से गुजर रहा है. सामाजिक न्याय की लड़ाई सभी को साथ मिलकर लड़नी होगी. हमें जाति, धर्म, सम्प्रदाय से ऊपर उठकर सोचने की जरुरत है. सत्ता में भागीदारी के बिना वास्तव में सामाजिक न्याय एक भ्रम है. अपने बारे में बात करते हुए श्री यादव ने कहा कि मेरे दरवाजे पर जो भी आया है मेरी कोशिश रही है कि वो खाली हाथ न जाए. जब बाबरी मस्जिद गिराई जा रही थी तब मुझपर भी कई मुकदमे लगे, मुझे प्रशासन द्वारा खूब परेशान भी किया, मुझे 6 महीने अंडर ग्राउंड रहना पड़ा. हालांकि मैं कोई अपराधी नहीं था लेकिन फिर भी ये सब हुआ. मेरा अपराध सिर्फ यह था कि मैं देश के सामाजिक ताने- बाने और तरक्की को बनाए रखना चाहता था।
उन्होंने आगे कहा कि भारत एक लोकतांत्रिक देश है जहां सभी को वोट देकर अपनी राय रखने का अधिकार है. आज देश की स्थिति क्या है- किसान, व्यापारी, दिहाड़ी मजदूर, अल्पसंख्यक, महिलाएं आदि सभी परेशान हैं. किसान आत्महत्या कर रहे हैं, महिलाओं पर अत्याचार बढ़ता जा रहा है, युवा बेरोजगार घूम रहे हैं, जिससे अपराध में बढ़ोतरी हो रही है. भ्रष्टाचार अपनी चरम सीमा पर पहुंच गया है. विकास कार्य एक दम ठप है. उद्योग धंधे बंद हो रहे हैं, कानून व्यवस्था दिन प्रतिदिन बिगड़ती जा रही है. दिनदहाड़े लूट हत्या बलात्कार आम बात हो गई है. ऐसे माहौल में भी हम सतर्क नहीं हुए तो हालात बाद से बदतर हो जाएंगे. अभी शिवसेना के लोगों ने कहा था मुसलमानों का वोट लेने का अधिकार छीन लिया जाए जिसका हमने पुरजोर तरीके से विरोध किया था. यह देश जितना हिन्दुओं का देश है उतना ही मुसलमानों का भी है.