इंदौर। अवैध वसूली के लिए कुख्यात विजयनगर थाने के सिपाही शराब ठेकेदार और कालाबाजारी में लिप्त अपराधियों को अगवा तक कर लेते हैं। मामले की शिकायत होने के बाद जांच भी होती है, लेकिन अफसर सबूतों की कमी या सबूत नहीं होने की बात कहकर आंखे मूंदे रहते हैं। कई पुलिसवाले थाने से हटने के बाद भी क्षेत्र से वसूली करते रहते हैं। पब संचालक से रिश्वत लेकर मौखिक अनुमति देने वालों के खिलाफ एएसपी शैलेंद्रसिंह चौहान ने बुधवार से जांच शुरू कर दी। एएसपी ने पब संचालक सहित टीआई, बीट इंचार्ज को नोटिस जारी किया है। वसूली का यह पहला मामला नहीं है। इसके पूर्व भी पुलिसकर्मियों द्वारा लेनदेन करने के मामले सामने आए हैं। विजयनगर थाने के पुलिसकर्मियों ने पांच महीने पूर्व खजराना क्षेत्र में एक शराब ठेकेदार को अगवा तक कर लिया था। शराब से भरी गाड़ी रोकी और रुपए छीन लिए। मामला क्राइम ब्रांच एएसपी अमरेंद्रसिंह तक पहुंचा तो छानबीन शुरू की। एएसपी ने पुलिसकर्मियों को चिन्हित भी कर लिया। लेकिन पुलिसवालों ने ठेकेदार के कर्मचारी पर इतना दबाव बनाया कि वह नौकरी छोड़ कर भाग गया और दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ बयान देने से इंकार कर दिया। एएसपी की छानबीन में यह भी खुलासा हुआ था कि वसूली में टीआई को भी हिस्सा जाता है, लेकिन सबूतों का अभाव बता दिया गया। इसके पूर्व यहां पदस्थ तीन पुलिसकर्मियों ने कालाबाजारी में लिप्त एक बदमाश को बंधक बनाकर पीटा था। पुलिसकर्मी उससे बंदी की राशि बढ़ाने का दबाव बना रहे थे। शिकायत मिलने पर तत्कालीन टीआई छत्रपालसिंह सोलंकी ने बदनाम पुलिसकर्मियों को चिन्हित कर हटाने के लिए डीआईजी को पत्र लिख दिया था।
वसूली के लिए अगवा भी कर लेती है विजयनगर पुलिस