आचार संहिता का उल्लंघन कर बैठे भाजपा के सीनियर नेता,आयोग करेगा राष्ट्रपति से शिकायत
लीगढ़ : भाजपा के प्रचलित सीनियर कहे जाने वाले नेता कल्याण सिंह ने कुछ दिन पहले अलीगढ़ स्थित अपने आवास पर नारेबाजी कर के मुश्किल में फसते हुये नज़र आ रहे हैं राजस्थान के राज्यपाल कल्याण सिंह ने नरेंद्र मोदी को फिर से पीएम बनाने की बात कहकर आचार संहिता का नियम तोड़ चुनाव आयोग के नजर में आ गये हैं | चुनाव आयोग इसे आचार संहिता का उल्लंघन मानते हुए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को उनकी लिखित शिकायत करने वाला है।

आपको बता दे कि 23 मार्च को अलीगढ़ में पत्रकारों से बातचीत में कहा था, हर कोई चाहता है कि मोदी जीतें और ये देश के लिए जरूरी है। अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, चुनाव आयोग ने राज्यपाल कल्याण सिंह के एक संवैधानिक पद पर होते हुए यह बात कहने को आचार संहिता का उल्लंघन माना है। उन्होंने कहा था, "हम सभी लोग भाजपा के कार्यकर्ता हैं और इस नाते से हम जरूर चाहेंगे कि भाजपा विजयी हो। सब चाहेंगे कि एक बार फिर से केंद्र में मोदीजी प्रधानमंत्री बनें। मोदीजी का प्रधानमंत्री बनना इस देश के लिए आवश्यक है, समाज के लिए आवश्यक है।" कल्याण के मोदी को पीएम बनाने की बात कहने वाले वीडियो सोशल मीडिया पर भी तेजी से वायरल हुए थे। दरअसल वर्तमान सांसद सतीश गौतम को विगत 21 मार्च को भाजपा ने अलीगढ़ लोकसभा से दोबारा प्रत्याशी घोषित किया था। उस वक्त कल्याण सिंह अलीगढ़ में थे। शुक्रवार सुबह से ही कल्याण के मैरिस रोड स्थित आवास राजपैलेस पर सतीश गौतम के खिलाफ कार्यकर्ताओं ने जबरदस्त नारेबाजी कर प्रदर्शन किया। कल्याण सिंह से टिकट बदलवाने को कहा गया। उस दिन उनका कोई जवाब नहीं आया। शनिवार को दोबारा नारेबाजी शुरू हो गई। उत्साहित युवाओं ने सतीश का पुतला दहन कर डंडों से पीटा। इसके बाद कल्याण की कार को घेर कर नारेबाजी की। उनकी कार को चलने नहीं दिया। कल्याण उसी वक्त कोठी से बाहर आए थे। उनको कासगंज जाना था। बाहर आते ही उन्होंने कार्यकर्ताओं को शांत कराया। कहा कि मोदी को देश हित और समाज हित में पीएम बनाना जरूरी है।विरोधियों ने राज्यपाल जैसे गरिमामयी पद से इस तरह की टिप्पणी को अनुचित ठहराया। इसको आचार संहिता का उल्लंघन भी बताया। इसकी शिकायत मिलते ही चुनाव आयोग ने जिला निर्वाचन अधिकारी एवं जिलाधिकारी चंद्रभूषण सिंह से मौखिक जानकारी मांगी। इसके बाद आयोग ने तथ्यों की जांच की और इसे आचार संहिता का उल्लंघन माना।

 


आचार संहिता उल्लंघन करने पर एक राज्यपाल को छोड़ना पड़ा है पद

 


इससे पहले 90 के दशक में हिमाचल प्रदेश के तत्कालीन राज्यपाल गुलशेर अहमद ने भी आचार संहिता का उल्लंघन किया था। उन्होंने मध्यप्रदेश में अपने बेटे सईद अहमद के लिए चुनाव प्रचार किया था।राजस्थान के राज्यपाल कल्याण सिंह उस वक्त आयोग ने राज्यपाल के अपने पद का दुरुपयोग करने पर नाराजगी व्यक्त की थी, जिसके बाद उन्हें अपना पद छोड़ना पड़ा था।