लखनऊ 16 सितम्बर। उत्तर प्रदेश के कृषि मंत्री, सूर्य प्रताप शाही ने कहा कि निगम की वित्तीय स्थिति को सुधारते हुये उसे घाटे से लाभ की दिशा में अग्रसर करने हेतु विशेष प्रयास किये जायें। उन्होंने कहा कि निगम को घाटे से उबारने के लिये आवश्यक है कि निगम बीजों की गुणवत्ता के साथ-साथ उत्पादन को भी बढ़ायें। उन्होंने कहा कि उच्च गुणवत्तायुक्त बीजों के प्रयोग से जहां एक ओर प्रदेश में अनाज उत्पादन में वृद्धि होगी, वहीं दूसरी ओर किसानों की आय में भी बढ़ोतरी होगी।
कृषि मंत्री आज फैजाबाद रोड स्थित उत्तर प्रदेश बीज विकास निगम (मुख्यालय) में बीज विकास निगम के कार्यों की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने बीज उत्पादन एवं वितरण की स्थिति की समीक्षा के दौरान शासकीय कार्यों में लापरवाही बरतने के आरोप में बीज विकास निगम के विपणन अधिकारी का इस माह का वेतन रोकने के निर्देश दिये। उन्होंने निगम उत्पादित एवं बाह्य संस्था से वर्षवार क्रय किये गये बीजों के सापेक्ष भुगतान की अद्यतन स्थिति का विस्तृत विवरण तैयार कर प्रस्तुत करने के निर्देश दिये। श्री शाही ने विगत वर्षों में विभिन्न विभागों में निगम की बकाया धनराशि के भुगतान हेतु समिति के माध्यम से वेरिफिकेशन कराकर शीघ्र भुगतान किये जाने के निर्देश दिये।
प्रबंध निदेशक उ0प्र0 बीज विकास निगम, एस0आर0 कौशल ने समीक्षा बैठक के दौरान कृषि मंत्री को बताया कि निगम के अन्तर्गत 40 बीज बिक्री केन्द्र, बीज उत्पादकों के माध्यम से 554 बीज विक्रय केन्द्र तथा 372 सक्रिय एग्री जंक्शन संचालित हैं। उन्होंने बताया कि निगम द्वारा 56 विक्रेता व वितरक केन्द्र प्रस्तावित हैं, जबकि 20 एफ0पी0ओ0 सक्रिय हैं। उन्होंने कृषि मंत्री को बताया कि वर्ष 2018-19 में निगम द्वारा कुल 502367 कुंतल बीज का वितरण किया गया है। कृषि मंत्री ने अधिकारियों को निर्देशित करते हुये कहा कि बीज वितरण की स्थिति स्पष्ट करने के उद्देश्य से प्रत्येक वर्ष के जनवरी एवं जुलाई माह में इस आशय का प्रमाण पत्र प्राप्त किया जाये कि बीज विक्रय व वितरण केन्द्रों पर बीज शेष नहीं रह गया है।
समीक्षा बैठक में कृषि राज्य मंत्री लाखन सिंह राजपूत, उपाध्यक्ष उ0प्र0 बीज विकास निगम एवं विशेष सचिव कृषि जी0एस0 नवीन कुमार सहित बीज विकास निगम के अधिकारीगण उपस्थित थे।
कृषि मंत्री ने उत्तर प्रदेश बीज विकास निगम के कार्यों की समीक्षा