दुनिया में सबसे तेजी से फैल रहे तीन तरह के कैंसर में लंग कैंसर भी एक है। इसका खुलासा आमतौर पर विशेषज्ञों द्वारा जांचकर ही किया जा सकता है। लेकिन एक ऑन्कॉलजी सलाहकार ने लंग कैंसर जांचने के लिए एक फिंगर टेस्ट डिवेलप किया है। उनका कहना है कि इस तरह जांच के बाद व्यक्ति खुद ही यह पता लगा सकते हैं कि उन्हें श्वासनली से जुड़ा कैंसर है या नहीं।
एमा नॉर्टन, बूपा यूके की ऑन्कोलॉजी नर्स और सलाहकार हैं, जो लोगों को हाथ की उंगलियों के माध्यम से लंग कैंसर को जांचने का तरीका सिखा रही हैं। वे लोगों को अपने दोनों हाथों की तर्जनी उंगलियों यानी कटिंग फिंगर्स को एक साथ मिलाकर दिल यानी हार्ट का ऊपरी शेप बनाने के लिए कहती हैं। ऐसा करने के बाद अगर दोनों हाथों के नाखूनों के बीच डायमंड के आकार का स्पेस बनता है तो आप स्वस्थ हैं। यदि यह स्थान गायब है तो यह फिंगर क्लबिंग का संकेत हो सकता है।
नॉर्टन के अनुसार, फिंगर क्लबिंग वह स्थिति होती है, जो आपकी उंगलियों और नाखूनों की गलत तरीके से बदल रही स्थिति को दर्शाती है। यह स्थिति आमतौर पर तब शुरू होती है, जब आपके नाखून बहुत सॉफ्ट और उनके चारों तरफ की त्वचा शाइनी यानी चमकदार होने लगती है। यह इस बदलाव का प्रारंभिक लक्षण है। इस स्थिति में साइड से देखने पर नाखून अधिक कर्वी दिखाई पड़ते हैं। इससे फिंगर डिजिट का ऐंड काफी बड़ा दिखाई पड़ता है और इस बदले हुए रूप को 'ड्रमस्टिक फिंगर्स' के नाम से जाना जाता है।
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गंभीर केस की स्थिति में हड्डी का एक्सट्रा एरिया फिंगर के पार्ट के रूप में नजर आने लगता है। यह उंगलियों, कलाई, घुटनों पर भी नजर आ सकता है। समझ की गलती के कारण अक्सर इसे गठिया का प्रारंभिक संकेत मान लिया जाता है, जबकि इस तकलीफ को हाइपरट्रॉफिक पुलमॉनरी ऑस्टियोआर्थ्रोपैथी के नाम से जाना जाता है। कैंसर रिसर्च यूके की रिपोर्ट के अनुसार, फिंगर टिश्यूज में लिक्विड जमा हो जाने के कारण ऐसी स्थिति बन सकती है और ऐसी स्थिति ब्लड सर्कुलेशन या ट्यूमर द्वारा रिलीज किए गए कैमिकल्स के कारण हो सकती है।
बीएमजे बेस्ट प्रैक्टिस के अनुसार, रक्त में कम ऑक्सीजन का स्तर प्रोटीन "संवहनी एंडोथेलियल ग्रोथ फैक्टर" की मात्रा बढ़ाने में ट्रिगर की तरह काम कर सकता है। इससे नाखूनों में परिधीय स्तर यानी चारों तरफ के एरिया पर सूजन और कोशिका विभाजन हो सकता है और यह फिंगर क्लबिंग अक्सर फेफड़े के कैंसर से जुड़ी होती है।
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