मोबाइल एप बताएगा नगर निगम वार्ड की हकीकत

लखनऊ। अब नगर निगम का हर वार्ड मोबाइल एप पर होगा। एप से ही वार्ड की मौजूदा स्थिति का पता भी आपको चल सकेगा। कहां सीवर लाइन है या नहीं? है तो किस स्थिति में है? पेयजल आपूर्ति के इंतजाम कैसे हैं तो हैंडपंप कितने खराब हैं। सड़कों का हाल भी ऐप से पता चल सकेगा। राष्ट्रीय सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रलय की तरफ से नगरीय ढांचा सर्वेक्षण फेज 2017-22 के तहत ही यह मोबाइल एप तैयार किया जा रहा है। यह कार्य देश भर में नगरीय ढांचा जानने के लिए किया जा रहा है। लखनऊ नगर निगम में कुल 110 वार्ड हैं, लेकिन अगर हकीकत देखी जाए तो पॉश इलाके ठीक-ठाक है, जबकि शेष वार्डो में विकास की दरकार है। आलमबाग से जुड़े इलाकों में तो सीवर लाइन ही नहीं है तो पुराने शहर में पड़ी सीवर लाइन जवाब दे चुकी है। सीवर नालियों में बहाया जा रहा है। अधिकांश हैंडपंप शो-पीस बन गए हैं, तो पानी संकट से अधिकांश इलाके जूझते नजर आते हैं। दरअसल अविकसित इलाकों में संपूर्ण विकास नहीं हो पाता है। नगर निगम की विकास निधि विकसित वार्ड के लिए सालाना 95 लाख है तो इतनी रकम अविकसित इलाकों को भी दिए जाते हैं।


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