वेबवार्ता(न्यूज़ एजेंसी)/अजय कुमार वर्मा
लखनऊ 1 अक्टूबर। एक्टिविस्ट डॉ नूतन ठाकुर ने हाथरस रेप केस में राज्य मानवाधिकार आयोग से तत्काल हस्तक्षेप किए जाने की मांग की है।
आज उन्होंने आयोग के सदस्य जस्टिस के पी सिंह से मुलाकात कर बताया कि घटना के समय पीडिता के परिवार वालों पर दवाब डाल कर मात्र 01 अभियुक्त के विरुद्ध धारा 307 आईपीसी तथा 3(2)(5) एससी एसटी एक्ट में मुक़दमा दर्ज किया गया। मामले में 5 दिन तक पुलिस द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की गयी और 19 सितम्बर 2020 को मात्र धारा 354 आईपीसी (लज्जाभंग/छेड़छाड़) की धारा बढ़ाई गयी। पुनः 22 सितम्बर को धारा 376डी (गैंग रेप) की बढ़ोत्तरी कर 03 नए अभियुक्तों के नाम शामिल कर दिए। नूतन ने कहा यह पूरी तरह अविश्वसनीय है कि पीडिता ने गैंग रेप की बात अपनी माँ व घरवालों को नहीं बताई हो तथा सीधे पुलिस को बताई हो। अतः यह कहा जाना कि पीडिता के बयान के आधार पर गैंग रेप की धारा बढ़ाई गयी, पूरी तरह अस्वीकार्य है।
उन्होंने मृतिका को जबरदस्ती जलाए जाने के मामले की भी शिकायत की। उन्होंने जस्टिस सिंह से आयोग की जाँच टीम से प्रकरण की जाँच करवाए जाने की मांग की। इसके अलावा नूतन ने सोशल साइट्स पर युवती का नाम लिए जाने, उसके नाम से विभिन्न हैशटैग चलाये जाने, उसके फोटो शेयर किये जाने आदि के संबंध में एफआईआर दर्ज करवाने तथा इन्हें अविलंब हटवाये जाने की मांग की है।
जस्टिस के पी सिंह ने बताया कि उन्होंने पूर्व में इस प्रकरण का स्वतः संज्ञान लिया है। उन्होंने कहा कि वे इन सभी बिन्दुओं पर भी जाँच करवाएंगे।
हाथरस केस: राज्य मानवाधिकार आयोग द्वारा कार्यवाही का भरोसा - डॉ नूतन ठाकुर